नैनीताल,नरेशकुमार:नशेकीलतयुवाओंकीनशोंमेंजहरघोलरहीहै।पहाड़ोंपरधड़ल्लेसेचरस,नशीलीदवाइयांऔरस्मैककाकारोबारफलफूलरहाहै।पुलिसभीइसपरलगामलगानेमेंनाकामसाबितहोरहीहै।मंडलभरमेंएकभीसरकारीनशामुक्तिकेंद्रनहींहै।निजीस्तरपरसंचालितनशामुक्तिकेंद्रयातोमानकोंकेविपरीतचलरहेहैयाफिरलोगोंकीजेबकाटरहेहैं।
स्वयंसेवीसंस्थाओंकेरूपमेंचलरहेनशामुक्तिकेंद्र
कुमाऊंमंडलमेंनशामुक्तिकेंद्रस्वयंसेवीसंस्थाओंकेरूपमेंसंचालितहोरहेहै।इननशामुक्तिकेंद्रकेरूपमेंपंजीकरणनहींहोनेकेकारणनशेकेआदीमरीजोंकोसहीउपचारनहींमिलरहाहै।
बीडीपांडेअस्पतालहोसकताहैविकल्प
नशामुक्तिकेंद्रकेमानकोंकोपूराकरनेकेलिएकेंद्रमेंएकमनोचिकित्सक,काउंसलिंगविशेषज्ञऔरविशेषप्रशिक्षणप्राप्तनर्सोंकीआवश्यकताहोतीहै।संयोगवशबीडीपांडेजिलाअस्पतालमेंमनोचिकित्सकऔरकाउंसलिंगविशेषज्ञकेसाथहीनशामुक्तिकेलिएप्रशिक्षणप्राप्तनर्सेभीहैं।जिसयहअस्पतालनशामुक्तिकेंद्रस्थापितकरनेकेलिएविकल्पकेरूपमेंकार्यकरसकताहै।
जानिएक्याकहतेहैंमनोचिकित्सक
डॉ.गिरीशपांडे,मनोचिकित्सकबीडीपांडेअस्पतालनेबतायाकिशुरुआतमेंशौककेतौरपरशुरूकियानशायुवाओंकीआदतबनरहाहै।नशाव्यक्तिकोमानसिकतौरपरकमजोरकरदेताहै।शराबजैसेनशेकाउंसलिंगकेमाध्यमसेआसानीसेछुड़ाएजासकतेहै,लेकिनस्मैकऔरनशीलीदवाइयोंकानशाआसानीसेनहींछूटता।इसकेलिएव्यक्तिकोकाउंसलिंग,समुचितदेखरेखकेसाथहीदवाइयोंकीभीमददलेनीपड़तीहै।जिसकेलिएअलगसेकेंद्रहोनाजरूरीहै।हरमाहअस्पतालमें150से200लोगोंकोपरामर्शदियाजाताहै,जिसमेंसेअधिकतरनशेकेआदीहोतेहै।
जिलाविधिकसेवाप्राधिकरणदेरहायुवाओंकानयाजीवन
नशेकीगिरफ्तमेंफंसेयुवाओंकोजिलाविधिकसेवाप्राधिकरणनयाजीवनदेरहाहै।प्राधिकरणकीओरसेजहांसमयसमयपरस्कूलोंऔरकॉलेजोंमेंजागरूकताअभियानचलायाजारहेहै।नशेकीगिरफ्तमेंफंसेयुवाओंकोइलाजकेलिएनशामुक्तिकेंद्रभेजाजारहाहै।
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