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UP Assembly Election 2022: महंगी बिजली को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की जुगत, जानें- क्या है हकीकत

लखनऊ[अजयजायसवाल]।UPAssemblyElection2022:उत्तरप्रदेशमेंमुफ्तऔरसस्तीबिजलीदेनेकावादाकरराजनीतिकपार्टियांमतदाताओंकोरिझानेमेंजुटगईंहैं।हालांकिवादोंकोहकीकतमेंबदलनानबिजलीकंपनियोंकेलिएऔरनहीसरकारकेलिएआसानहोगा।कारणहैकिसूबेकीबिजलीकंपनियांएकलाखकरोड़रुपयेकेघाटेमेंचलरहीहैं।केवलकिसानोंऔर300यूनिटतकमुफ्तबिजलीदेनेकेलिएहीसरकारकोअपनेखजानेसेतकरीबन35हजारकरोड़रुपयेदेनेहोंगे।

आमआदमीपार्टीनेसरकारबननेपरमुफ्तवसस्तीबिजलीदेनेकीपहलकीहैतोसमाजवादीपार्टीभीऐसाकरसकतीहै।मानाजारहाहैकिचुनावआते-आतेभाजपासहितदूसरेदलभीमुफ्तवसस्तीबिजलीदेनेकावादाकरसकतेहैं।सूबेमेंअभीकिसीकोमुफ्ततोनहींलेकिनकिसानोंवबीपीएलपरिवारोंकोसस्तीदरोंपरबिजलीदीजारहीहै।छूटकेएवजमेंसरकारअभीतकरीबन11हजारकरोड़रुपयेसब्सिडीकंपनियोंकोदेरहीहै।

गुरुवारकोजिसतरहमुफ्तबिजलीदेनेकीबात'आप'नेकीहै,उसेअमलमेंलानेकेलिएलगभग24हजारकरोड़रुपयेऔरसब्सिडीचाहिएहोगी।इसमें300यूनिटबिजली2.50करोड़लाइफलाइनवघरेलूउपभोक्ताओंकोमुफ्तमेंदेनेकेएवजमेंसरकारपर22हजारकरोड़रुपयेकावित्तीयभारआएगा।इसीतरह13लाखकिसानोंकेट्यूबवेलकोमुफ्तबिजलीकेलिए1845करोड़रुपयेचाहिएहोंगे।

भाजपाभीकरसकतीहैघोषणा:जिसतरहसेविपक्षीदलबिजलीदरोंकेमुद्देकोउठारहेहैं,उसकोदेखतेहुएभारतीयजनतापार्टीचुनावसेपहलेहीसस्तीबिजलीकाउपहारदेसकतीहै।कुछदूसरेराज्योंकीतरहकिसानों,छोटेव्यापारियोंऔरबीपीएलकीबिजलीमुफ्तकीजासकतीहै।सौभाग्ययोजनाकेतहतदिएगएकनेक्शनकाबकायाबिलमाफकियाजासकताहै।भाजपाबंगालकेचुनावमें200यूनिटतकऔरउत्तराखंडमें100यूनिटतकमुफ्तबिजलीदेनेजैसीघोषणाएंकरतीरहीहै।

सस्तीबिजलीदेनाअधिककारगर:उत्तरप्रदेशराज्यविद्युतउपभोक्तापरिषदकेअध्यक्षअवधेशवर्माकामाननाहैकिमुफ्तकेबजायअनवरतसस्तीबिजलीमिलनेकाविकल्पज्यादाकारगरहोगा।पहलेतोबिजलीचोरीपरकड़ाईसेअंकुशलगायाजाएताकिसालानातकरीबनछहहजारकरोड़रुपयेबचाएजासकें।उपभोक्ताओंकेबिजलीकंपनियोंपरनिकलरहे20,596करोड़रुपयेकेएवजमें34फीसदबिजलीकीदरएकसाथकमकीजाएयापांचवर्षोंतक6.8फीसदसालानादरकमकीजाए।

भाजपासरकारमें24तोसपामें50फीसदमहंगीहुईबिजली:भाजपासरकारकेसाढ़ेचारवर्षोंमेंऔसतन24फीसदजबकिसपासरकारमेंलगभग50फीसदबिजलीदरोंमेंवृद्धिहुईथी।वर्ष2017मेंभाजपासरकारबननेकेबाद30नवंबरकोबिजलीकीदरोंमेंऔसतन12.73फीसदकाइजाफाकियागया।वर्ष2019मेंलोकसभाचुनावहोनेकेबादतीनसितंबरकोदरोंमेंऔसतन11.69फीसदकाइजाफाकियागया।पिछलेवित्तीयवर्ष2020-21मेंबिजलीकीदरेंयथावतरहीं।चालूवित्तीयवर्षमेंभीदरोंकोनहींबढ़ायागयाहै।सपासरकारकेपांचोंवर्षमेंबिजलीकीदरोंमेंतकरीबन50फीसदकीबढ़ोत्तरीहुईथी।