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उंगली छुड़ाकर गए पापा का इंतजार करती रही परी, पढ़ें आगरा की इस मासूम की दर्दनाक कहानी

आगरा,जागरणसंवाददाता। आटोचलाकरसोमवारकीशामकरीबसातबजेअरुणघरलौटेथे।गाड़ीकीआवाजसुनतेहीडेढ़सालकीबेटीपरीअपनेनन्हेंकदमोंसेआंगनकीदूरीतयकरकेदरवाजेपरपहुंची।दोनोंहाथोंकोफैलाकरपिताकीगोदमेंचढ़गई।मासूमपरीकायहरोजकाक्रमथा।

शामकरीबपौनेआठबजेअरुणपार्टीमेंडीजेलगानेजानेलगेतोबेटीउनकीउंगलीपकड़करदरवाजेतकआई।वहउससेउंगलीछुड़ापत्नीराधाकीगोदमेंदेकरचलेगए।पत्नीसेरात11बजेतकलौटनेकीकहकरगएथे।मगर,रात11बजेअरुणघरनहींआए,उनकीमौतकीखबरपत्नीऔरपरिवारकोकोमिली।जन्मदिनकीपार्टीदोपरिवारोंकोअपनोंकीमौतकादर्ददेकरचलीगई।डेढ़सालकीपरीसोमवारकीरातसेअपनेपापाकाइंतजारकररहीहै।मंगलवारकीसुबहसेउसेदरवाजेपरकिसीभीगाड़ीकीआवाजसुनाईदेती,नन्हेंकदमोंसेभागतेहुएदरवाजेतकआती।पिताकोनपाकरमायूसहोकरलौटजाती।एकदिनपहलेतकमासूमकीयहअादतमांराधावताऊऔरचाचाकेचेहरोंपरमुस्कुराहटकासबबबनतीथी।मगर,मंगलवारकोउसेदरवाजेकीओरभागतेऔरमायूसलौटतेदेखउनकेआंसूनहींरुकरहेथे।नगलाटीननिवासीअरुणदिनमेंआटोचलातेथे।शामकोवहपार्टियोंमेंडीजेबजानेकाकामकरतेथे।अनिकेतकीजन्मदिनपार्टीमेंअरुणनेडीजेलगायाथा।वहचारभाइयोंमेंसबसेछोटाथा।भाईसुनीलनेबतायाकितीनमहीनेपहलेकोरोनाकालमेंमांशीतलदेवीकीमौतहोगईथी।परिवारकीजिम्मेदारीअरुणकेकंधोंपरथी।राधासेकरीबचारसालपहलेअरुणनेप्रेमविवाहकियाथा।बादमेंदोनोंपरिवारोंनेउनकेरिश्तेपरसहमतिदेदीथी।वहीं,दूसरीओरधांधूपुरागांवमेंमंजीतकेघरमेंमातमभरासन्नाटापसरारहा।मांकमलारातभरउसकीजिंदगीकेलिएप्रार्थनाकरतीरही।देररातउसकेमरनेकीखबरमिलीतोवहबेहोशहोगई।मंगलवारकीसुबहपोस्टमार्टमकेबादउसकाशवघरपहुंचातोमांउससेलिपटगई।परिवारकेलोगोंकेबतायाकिमंजीतफौजमेंभर्तीहोनेकीतैयारीकररहाथा।दोस्तोंकेबुलावेपरसोमवारकीशामकोवहपार्टीमेंचलागयाथा।