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तीन माह में दो कदम चला विभाग, अन्ना बनी समस्या

सुजीतदीक्षित,बांदा:बुंदेलखंडमेंविकरालहोचुकीअन्नासमस्यासेनिजातदिलानेकेलिएसूबेकेमुखियानेमुख्यमंत्रीनिराश्रितएवंबेसहारागोवंशसहभागितायोजनाकाशुभारंभकिया।योजनाकाउद्देश्यबेसहारागोवंशोकाआश्रममिलेगासाथहीपशुपालकोंकोसहायताराशिकेरूपमें900रुपयेप्रतिमाहकेदरसे।योजनाकाशुभारंभअगस्तमाहमेंहुआतोविभागभीऐसेपशुपालकोंकीतलाशमेंजुटागया।आवेदनभीमांगेंगए।मगरतीनमाहमेंविभागसिर्फदोकदमहीचलसका।विभागकोसिर्फदोपशुपालकहीमिलसके।जिनकीसुपुर्दगीमेंआठमवेशियोंकोदियागया।

118नेकियाथाआवेदन

मुख्यमंत्रीनिराश्रितबेसहारागोवंशसंरक्षणयोजनाकेआतेहीतेजीसेलोगोंनेइसकालाभलेनेकेलिएआवेदनकिया।जिलेकोप्रथमचरणकेलिएमिले414केलक्ष्यकेसापेक्षकरीब118नेआवेदनकिया।मगरयोजनाकीपूरीजानकारीहोनेपरवहपीछेहटगए।योजनाकेअनुसार24जुलाईकेपहलेसंरक्षितहोचुकेगोआश्रयस्थलोंकेमवेशीहीपशुपालकोंकोदिएजानेहैं।इसमेंआवेदकअबपशुकोलेनेदूरकेगोआश्रयस्थलतकनहींजानाचाहताहै।

36हजारमवेशीबनेहैंपरेशानीकाशबब

विभागीयआंकड़ोंकेअनुसारजनपदमेंकरीब36हजारअन्नामवेशीहैं।जोकिसानोंकीफसलोंकोबर्बादकरनेकेसाथरास्तोंमेंकब्जाजमाएरहतेहैं।आएदिनहादसोंकासबबभीअन्नामवेशीबनतेहैं।शासननेसमस्यासेनिजातकेलिएपशुपालनविभागकोपशुपालकतैयारकरनेकेनिर्देशदिएथे।

जनपदकोमिलाहै66लाखकाबजट

शासनकीओरसेविभागको66लाखकाबजटजारीकरदियागयाहै।ताकिकिसानोंकोअन्नापशुओंसेनिजातदिलाईजासके।मगरयेबजटसिर्फविभागकेखातेमेंहीसंरक्षितहै।क्योंकिअभीतकविभागकोपशुपालकनहींमिलसके।

बुंदेलखंडमेंचारेकीसमस्याभीबनीप्रमुखवजह

विभागमेंपशुओंकेलिएआवेदनकरचुकेलोगोंकाकहनाहैकिबुदेलखंडमेंचारेकीभीगंभीरसमस्याहै।ऐसेमेंविभागकीओरसेमिलनेवाला30रूपयेप्रतिदिनकाकाफीकमहै।इतनीधनराशिमेंचारेकाइंतजामकरनामुश्किलहोगा।

निराश्रितपशुओंकीहरसमस्याकेनिस्तारणकेलिएविभागप्रयासरतहै।दूरकेआश्रयकेंद्रोंसेपशुओंकोभेजनेकीव्यवस्थाविभागकीओरसेकीजाएगी।क्षेत्रीयलोगोंकोचाहिएकिइससमस्यासेनिजातकेलिएसभीआगेआए।सरकारभीइसकोलेकरगंभीरहै।

-डॉ.आइएनसिंहमुख्यपशुपालनअधिकारी

योजनाकीयहहैस्थिति:

अन्नामवेशी:36हजार

प्रथमचरणमेंमवेशीपालनकालक्ष्य:414

किसानोंकेआवेदन:276मवेशियोंकेलिए118

भरण-पोषणकीधनराशि:प्रतिमवेशीरोजाना30रुपये

पशुपालकोंकीसंख्या:2

कुलदिएगएपशु:8