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सवालों के घेरे में योजना, एक साल में गर्भवती जांच केंद्र घटकर 10 केंद्रों तक सीमित

जागरणसंवाददाता,करनाल

जननीसुरक्षायोजनापरसवालखड़ेहोनेशुरूहोगएहैं।जच्चा-बच्चामृत्युदरकमकरनेकेउद्देश्यसेशुरूकीगईइसयोजनाकोसुचारूकरनेकेलिएस्वास्थ्यविभागकोपसीनाआरहाहै।जोनिजीअस्पतालोंकेडॉक्टरइसअभियानसेस्वेच्छासेजुड़ेथे,उन्होंनेकदमपीछेखींचलिएहैं।एकसालपहले36केंद्रोंपरगर्भवतीमहिलाओंकीनिश्शुल्कजांचहोतीथी,अबयहघटकरमहज10केंद्रोंतकसीमितरहगईहै।हालांकिइसकीजिम्मेदारीलेनेकेलिएअभीस्वास्थ्यविभागतैयारनहींहै।सरकारीअस्पतालोंमेंपहलेसेहीडॉक्टरोंकीकमीहै,दूसरीतरफप्राइवेटडॉक्टरोंकीओरसेदूरीबनाएजानेसेएकसालसेयहयोजनाडांवाडोलचलरहीहै।हालांकिइसकोदोबारासेजिदाकरनेकेलिएसिविलसर्जननेबैठकलीहै,लेकिनअभीयहतयनहींहोपायाकिनिजीअस्पतालोंकेडॉक्टरकबइसयोजनाकादोबारासेहिस्साबनेंगे।बड़ासवाल:निजीअस्पतालोंकेडॉक्टरोंनेक्योंखींचेकदम?

निजीअस्पतालोंकेजोचिकित्सकस्वेच्छासेप्रधानमंत्रीजननीसुरक्षायोजनासेजुड़ेथे।उन्होंनेअप्रैल2018सेगर्भवतीमहिलाओंकाचेकअपकरनाबंदकरदिया।बड़ासवालयहहैकिऐसेक्याकारणहुएकिनिजीअस्पतालोंकोअपनेकदमपीछेखींचनेपड़े।यहजांचकाविषयहै।सीएमओऑफिसमेंबुलाईबैठक

जननीसुरक्षायोजनाकेगिरतेस्तरकोसंभालनेकेलिएइसेदोबारासेमुख्यधारामेंलानेकेलिएसिविलसर्जनडॉ.रमेशकुमारनेनिजीअस्पतालोंकेचिकित्सकोंकीबैठकबुलाई,जिसमेंउनसेबातकीकिऐसेक्याकारणरहेकिइसयोजनासेमुखरहोगए।कईतर्कसामनेआए,लेकिनओपननहींकिएगए।फिलहालजीएचऔरअर्बनडिस्पेंसरीमेंजांचपरसहमति

बैठकमेंनिर्णयलियाकिफिलहालइसयोजनाकेतहतकेवलनागरिकअस्पतालऔरअर्बनडिस्पेंसरीमेंहीप्राइवेटडॉक्टरोंनेगर्भवतीमहिलाओंकेचेकअपकीसहमतिदीहै,बाकीसामुदायिकस्वास्थ्यकेंद्रऔरप्राथमिकचिकित्साकेंद्रकोकैसेसुचारूकियाजाएगा,अभीइसकोलेकरकोईएक्शनप्लानतैयारनहींहै।अपनेबलबूतेयोजनाचलानेमेंअसमर्थस्वास्थ्यविभाग

स्वास्थ्यविभागमेंडॉक्टरोंकीकमीबनीहुईहै।हालातऐसीबनीहैकिसीएचसीऔरपीएचसीमेंभीडॉक्टरनहींहै।ऐसेमेंइसयोजनाकोसुचारूरूपसेचलानेकेलिएस्टाफकीजोजरूरतहोतीहैवहउपलब्धविभागकीतरफसेनहींकराईजासकती।इसलिएअपनेबूतेइसयोजनाकोस्वास्थ्यविभागआगेलेजानेमेंसक्षमनहींहै।निजीअस्पतालोंकेडॉक्टरोंसेटाइअपकरउन्हेंप्रोत्साहितकियाजारहाहै।हरमाहकीनौतारीखकोहोताहैचेकअप

प्रधानमंत्रीमातृत्वसुरक्षायोजनाकेतहतहरमाहकीनौतारीखकोजिलेके36स्वास्थ्यकेंद्रोंपरगर्भवतीमहिलाओंकीनिश्शुल्कजांचकरनेकाफैसलाकियागयाथा।कैंपकेमाध्यमसेहीजांचकरहाईरिस्ककेसोंकीपहचानकीजातीहै,लेकिननागरिकअस्पतालमेंयहसुविधापहलीबारदीजारहीहै।हाईरिस्ककेसोंकीहोतीहैपहचान

स्वास्थ्यविभागकेमुताबिकइसयोजनाकेतहतहाईरिस्ककेसोंकीपहचानकीजातीहै,जिसमेंयहपताचलजाताहैकिकिसकेसपरनजररखनेकीजरूरतहै।जिलेमेंअबतकछहहजारसेअधिकहाईरिस्ककेसनिकलकरसामनेआचुकेहैं।विभागकाकहनाहैकिपिछलेसालकेमुताबिकइसइससालहाईरिस्ककेसोंकीसंख्यामेंइजाफाहुआहै।इनकेसोंपरपूरीनजररखीजारहीहै।वर्जन

निजीअस्पतालोंकेचिकित्सकोंकीबैठकबुलाईथी,जिसमेंउन्होंनेआश्वासनदियाहैकिवहदोबारासेप्रधानमंत्रीजननीसुरक्षायोजनाकेसाथजुड़करकामकरेंगे।वीरवारकोभीमहिलाओंकेस्वास्थ्यकीजांचकराईजाएगी।अप्रैल2018सेप्राइवेटचिकित्सकोंनेइसयोजनाकेतहतकामकरनाबंदकियाथा,अबउन्हेंदोबारासेहिस्साबनायाजारहाहै।पीएमओसेभीइसबारेमेंबातकीहैकिअस्पतालमेंअलगसेमहिलाओंकेचेकअपकीव्यवस्थाकरें।

डॉ.रमेशकुमार,सिविलसर्जन,करनाल।

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