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सिचाई के लिए साइकिल से पानी ढोना मजबूरी

संवादसूत्रटाटीझरिया:मानसूनकीबेरुखीनेकिसानोंकेचेहरेपरहताशाकेभावलेआएहैं।किसानआसमानकीओरटकटकीलगाएहैं,लेकिनबारिशकीबूंदपिछले10दिनोंसेधरतीपरनहींगिरीहै।आलमयहहैकिपिछलेपांचसालोंमेंअबतककीसबसेकमबारिशजिलेमेंदर्जकीगईहै।

बारिशनहीहोनेसेटाटीझरियाप्रखंडकेकिसानकाफीपरेशानहैं।प्रखंडक्षेत्रकेकईकिसानधानकेबीजखेतोंमेंडालचुकेहैं।शुरूकेदिनोंमेंहुईबारिशसेउनकेबोएबीजनेपौधेतोउगादिए,परअबबारिसनहोनेसेकिसानअपनेखेतोंमेंउगेबिचड़ेकोजीवितरखनेकीकोशिशमेंपरेशानहैं।

एकओरइन्द्रदेवरूठगएहैंतोदूसरीओरकिसानबेहालहैं।बारिशकीआसमेंधानकेबिचड़ेसूखरहेहैं।इससेकिसानोंमेबेचैनीबढ़तीजारहीहै।डहरभंगापंचायतकेकेसडागांवनिवासीसरजूप्रसादऔरउसकीपत्नीवीणादेवीअपनेधानकेबिचड़ेकेलिएडेढ़किमीदूरसाइकिलसेपानीलाकरपटवनकरतेनजरआए।इनकाकहनाहैकिभुखमरीकीस्थितिनउत्पन्नहोजाए,महाजनसेभीकर्जलिएहुएहैं।इसलिएहमदोनोंबुजुर्गआसलगाएहुएहैं।लेकिनइसतरहसेबिचड़ेकोकबतकबचापाएंगेऔररोपाकैसेहोपाएगा।इसलियेइससमयबारिशबहुतजरूरीहै।ऐसाउदाहरणसिर्फएकनहींबल्किप्रखंडमेंसैकड़ोंहैं।बारिशनहीहोनेसेमक्काकीफसलपरभीप्रतिकूलअसरहोनेलगाहै।कुछकिसानोंनेइसवर्षखेतीहोनेकीआसछोड़दीहैतोकुछलोगअभीभीउम्मीदलगाएहुएहैं।