संवादसूत्र,तोरपा(खूंटी):भारतीयप्राकृतिकरालएवंगोंदसंस्थान,नामकुमकेतत्वावधानमेंकृषिविज्ञानकेंद्रद्वारापौधारोपणकरनेकेसाथकिसानोंकेबीचपौधाकावितरणकियागया।शुक्रवारकोदियाकेलस्थितकृषिविज्ञानकेंद्रमेंएकसमारोहआयोजितकरदोहजारपौधाकावितरणकियागया।साथहीआसपासकेपरिसरमेंफलदारपौधालगाएगए।पौधारोपणकार्यक्रममेंमुख्यअतिथिकेरूपमेंभारतीयप्राकृतिकरालएवंगोंदसंस्थानकेविभागाध्यक्षडॉ.निर्मलकुमारनेकिसानोंकोसंबोधितकरतेहुएकहाकिआजकेसमयमेपर्यावरणवमानवकेजनजीवनकोबचानेकाएकमात्रउपायपौधारोपणहै।मानवजीवनकीकल्पनाबिनापेड़-पौधोंकेनहींकिजासकता।उन्होंनेकहाकिकिसानहरवर्षअपनेजन्मदिनकेमौकेपरकमसेकमपांचपौधाजरूरलगाएं।वहींकृषिविज्ञानकेंद्रकेप्रभारीअध्यक्षडॉ.ज्योतिर्मयघोषनेकहाकिपौधारोपणकामकसदसिर्फपौधाबांटनानहींहै,बल्किसभीकृषकोंकोपौधारोपणकेप्रतिजागरूककरनाभीहै।मौकेपरमौसमवैज्ञानिकडॉ.राजनचौधरीनेकिसानोंकोमौसमआधारितखेतीकरनेकीजानकारीदी।उन्होंनेकहाकिवैज्ञानिकोंद्वाराविकसितउन्नततकनीककेमाध्यमसेखेतीकरकिसानअपनीआमदनीकोबढ़ासकतेहैं।इसदौरानकिसानोंनेअपनीखेतीमेंआरहीसमस्याओंकोकेंद्रकेवैज्ञानिकोंकेसमक्षरखा।वैज्ञानिकोंनेकिसानोंकेसमस्याकानिदानकिया।पौधावितरणकेमौकेपरआइएफएफसीओकेप्रबंधकचंदनकुमार,धर्मेंद्रसिंह,आशुतोषप्रभात,महिलाविकासकेंद्रकेपिनुसतोपनो,संगीतातोपनो,जयलालतोपनोसहितकईकिसानउपस्थितथे।
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- मनुष्य और पर्यावरण के बीच संतुलन के लिए पौधारोपण जरूरी : डा. निर्मल