नईदिल्लीसुप्रीमकोर्टनेमहाराष्ट्रमेंएक‘पंचायतसमिति’मेंबहुमतकेसमर्थनकेकारणकांग्रेसपार्टीकेसमूहनेताकेरूपमेंनिर्वाचितएकसदस्यकेचयनकोमंजूरीदेनेकेबॉम्बेहाईकोर्टकेआदेशकोबरकराररखा।कोर्टनेकहाकि‘लोकतांत्रिकव्यवस्थामें,बहुमतकीइच्छाप्रबलहोतीहै।’जस्टिसएल.नागेश्वररावऔरजस्टिसबी.आर.गवईकीबेंचनेकहाकिकिसीनगरपालिकामेंकिसीसमूहकेनेताकोबहुमतद्वाराचुनाजाताहैऔरइसेथोपानहींजासकताहैऔरहटानेकीकिसीभीप्रक्रियाकेअभावमें,व्यक्तिकेबहुमतकासमर्थनखोनेकेबादउससेछुटकारापानेकेलिएचयनप्रक्रियाअपनाईजासकतीहै।शीर्षअदालतनेफैसलोंकाहवालादेतेहुएकहा,‘इसप्रकारयहदेखाजासकताहैकिइसअदालतनेस्पष्टरूपसेकहाहैकिकिसीनगरपालिकापार्टीकेनेताको‘अघाड़ी’यामोर्चेद्वाराचुनाजाताहै,नकिकिसीबाहरीव्यक्तिद्वारा...।’बेंचकेलिएफैसलालिखनेवालेजस्टिसगवईनेकहाकिलोकतांत्रिकप्रक्रियाकेअलावाकिसीसमूहनेताकोथोपनालोकतंत्रकीजड़ोंकोकमजोरकरताहैऔरनिश्चितरूपसेयहनियमोंकाउल्लंघनहै।इसमेंकहागयाहै,‘जैसेहीऐसाव्यक्तिबहुमतकाविश्वासखोताहै,वहअवांछितहोजाताहै।लोकतांत्रिकव्यवस्थामेंबहुमतकीइच्छाप्रबलहोनीचाहिए।’यहफैसला30मार्च,2021केबॉम्बेहाईकोर्टकेएकफैसलेकेखिलाफदायरएस.संगीताकीएकअपीलपरआया।उच्चन्यायालयनेअहमदनगरकेजिलाकलेक्टरद्वारा6जनवरी,2020कोपारितएकआदेशकेखिलाफदायरसंगीताकीअपीलखारिजकरदीथी।जिलाकलेक्टरनेश्रीरामपुरपंचायतसमितिपार्टीमेंवंदनाज्ञानेश्वरमुर्कुटेकोकांग्रेसपार्टीकेदलनेताकेरूपमेंचुननेकीस्वीकृतिप्रदानकीथी।संगीतातथामुरकुटेसहिततीनअन्यको2017मेंहुएचुनावमें'पंचायतसमिति',श्रीरामपुरकेसदस्यकेरूपमेंचुनागयाथा।पार्टीकेनिर्वाचितसदस्योंकीएकबैठकमें,संगीताकोभारतीयराष्ट्रीयकांग्रेसपंचायतसमितिपार्टी(आईएनसीपीएस)केसमूहनेताकेरूपमेंचुनागयाथाऔरबादमेंइसशिकायतकेबादहटादियागयाथाकिउन्होंनेआईएनसीपीएसकेसदस्योंकेअन्यतीनसदस्योंकोनतोविश्वासमेंलियाऔरनहीदोसालसेअधिकसमयतककोईबैठकहीबुलाई।बादमेंसंगीताअन्यपार्टीकेनिर्वाचितसदस्योंकीमददसेपंचायतसमितिकीअध्यक्षचुनलीगईथी।उच्चन्यायालयनेसमूहनेताकेपदसेहटानेकेखिलाफउनकीअर्जीखारिजकरदीथी।शीर्षअदालतनेकहा,‘अपीलकर्ताकोसमूहनेताकेरूपमेंचुनागयाथा,जबउन्हेंआईएनसीपीएसपार्टीकेसभीसदस्योंकासमर्थनप्राप्तथा।हालांकि,जबउन्होंनेएकअलगरास्तेपरचलनेकाफैसलाकिया,तोउन्हेंआईएनसीपीएसपार्टीकेबहुमतकासमर्थनखोदियाऔरइसतरह,अपनेनेतृत्वकोबहुमतपरनहींथोपसकतीथी।’शीर्षअदालतनेअपनेफैसलेमेंकहाकिखरीद-फरोख्तकोरोकनेऔरराजनीतिकव्यवस्थामेंशुचिताबनाएरखनेकेलिएकानूनऔरनियमबनाएगएहैं,लेकिनसाथहीप्रावधानोंकीव्याख्याइसतरहसेनहींकीजासकतीहैकिअल्पमतमेंरहनेवालाकोईव्यक्तिखुदकोअन्यसदस्योंपरथोपे,जोपूर्णबहुमतमेंहैं।
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- लोकतांत्रिक व्यवस्था में बहुमत की इच्छा सबसे अहम होती है, इसके ऊपर किसी को थोपा नहीं जा सकता: सुप्रीम कोर्ट