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झारखंड का शहरी बेघरों को ठंड से बचाने के लिए कार्य योजना न बनाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण : न्यायालय

नयीदिल्ली,पांचदिसंबर(भाषा)उच्चतमन्यायालयनेबुधवारकोझारखंडसरकारद्वाराअबतकशहरीबेघरोंकेलिएकोईकार्ययोजनातैयारनहींकरनेको“बेहददुर्भाग्यपूर्ण’करारदेतेहुएकहाकिराज्यकोजल्दसेजल्दयोजनाबनानीचाहिएताकिऐसेलोगोंको“सर्दीकेमौसमकीअनिश्चितताओंसेबचायाजासके।”न्यायमूर्तिमदनबीलोकूरकीअध्यक्षतावालीएकपीठकोसूचितकियागयाकिझारखंडएवंजम्मू-कश्मीरराज्यकेअलावाअन्यसभीराज्योंएवंकेंद्रशासितप्रदेशोंनेसर्दियोंमेंशहरीबेघरोंकेलिएकार्ययोजनाओंकोअंतिमरूपदेदियाहै।पीठनेजबझारखंडकेवकीलसेइसकेबारेमेंपूछातोउन्होंनेकहाकिउन्हेंआजसुबहहीनिर्देशप्राप्तहुएहैं।उन्होंनेअदालतकोइसबारेमेंजानकारीदेनेकेलिएएकदिनकासमयमांगा।पीठमेंन्यायमूर्तिदीपकगुप्ताऔरन्यायमूर्तिहेमंतगुप्ताभीशामिलथे।पीठनेकहा,“ऐसालगताहैकिझारखंडराज्यकेपाससर्दीकेलिएकोईयोजनानहींहै।यहबेहददुर्भाग्यपूर्णहै।हमेंउम्मीदहैकिझारखंडराज्यअगलेकुछदिनोंमेंएकयोजनातैयारकरलेगाताकिशहरीबेघरोंकोसर्दीकेमौसमकीअनिश्चितताओंसेबचायाजासके।”जम्मू-कश्मीरकेलिएपेशहुएवकीलनेकहाकि2011कीजनगणनाकेअनुसारराज्यमेंशहरीबेघरोंकीसंख्याकरीब250हैऔरउन्हेंकंबलएवंअन्यसुविधाएंदेनेकेप्रावधानकरदिएगएहैं।वकीलनेकहाकियाचिकाकर्ताकोअगलेदोसेतीनदिनमेंकार्ययोजनाप्रदानकरदीजाएगी।