लखीमपुर:ग्रामीणअंचलमेंबनाएगएगोसंरक्षणकेंद्रमेंजानवरोंकोसर्दीसेबचानेकेलिएकोईइंतजामतकनहींहैं।कीचड़,गंदगीऔरअव्यवस्थाकेबीचगायेंतड़परहीहैं।उनकेचारे-पानीऔरदेखभालकेलिएकोईभीबेहतरइंतजामनहींहैं।वहींबीमारगायोंकासुचारूरूपसेइलाजतकनहींकियाजारहाहै।
ऐसाहीकुछमामलाविकासखंडबिजुआमेंबनेगोसंरक्षणकेंद्रकाहै।पहलेयहइमारतकांजीहाउसथालेकिन,अबइसकोगोसंरक्षणकेंद्रबनादियागयाहै।ग्रामीणोंनेबतायाकिबीतेमाहमेंठंडसेचारगायोंकीमौतहोचुकीहै।वहींगुरुवारकीरातकोभीएकगायनेदमतोड़दिया।गोसंरक्षणकेंद्रपरनांदमेंएकबारपानीभरदियाजाताहैजोकईदिनोंतकभरारहताहै,जिसेप्यासेजानवरवहदूषितवठंडापानीपीनेकोमजबूररहतेहैं।हराचाराभीपर्याप्तनहींआताहै।जानवरोंकेरातमेंठंडसेबचानेकाकोईइंतजामनहींहै।शेडमेंपर्याप्तजगहनहोनेसेभीषणठंडमेंबाहरबैठनेकोविवशहैं।
क्याकहतेहैंजिम्मेदार
गोसंरक्षणकेंद्रकेठेकेदारमहेशपांडेयकाकहनाहैकिगायेंआपसमेंलड़गईथीं।इसमेंएकगायघायलहोगईथी।उसकाडॉक्टरसेइलाजभीकरायागयाथालेकिन,उसीरातवहखत्महोगई।कुछदिनपहलेएकबछियाबीमारथी,जोमरगईथी।क्याकहतेहैंचिकित्सक
बिजुआकेपशुचिकित्साधिकारीसंजयगुप्ताकाकहनाहैकिकांजीहाउसहै,जोजिलापंचायतकेक्षेत्रमेंआताहै।जबहमेंबतातेहैंतबवेजातेहैंऔरजानवरोंकाइलाजभीकरतेहैं।