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अनोखा है दून पुस्तकालय, यहां है किताबों का अनूठा संसार; पढ़िए पूरी खबर

देहरादून,अनुपमसकलानी।सोशलमीडियाकेबढ़तेप्रभावकोदेखतेहुएअक्सरसुननेमेंआताहैकिलोगपुस्तकोंसेदूरहोतेजारहेहैं।लेकिन,दूनपुस्तकालयएवंशोधकेंद्रमेंपुस्तकोंमेंडूबेचेहरोंकोदेखकरयहबातहकीकतसेकोसोंदूरलगतीहै।यहपुस्तकालयजहांबीते12सालोंसेआमआदमीकोजीवनकीसहीराहदिखारहाहै,वहींयुवाओंकेखुशहालभविष्यकेसपनोंकोपंखलगानेकाकामभीकररहाहै।पुस्तकालयकानजारादेखऐसाप्रतीतहोताहै,जैसेयहांहरवर्गपुस्तकोंसेदोस्तीकरनाचाहताहै।खासकरप्रतियोगीपरीक्षाओंकीतैयारीकेलिएयहांरोजानाबड़ीतादादमेंयुवाजुटतेहैंऔरअपनेअनुभवोंमेंइजाफाकरलक्ष्यकीओरकदमआगेबढ़ातेहैं।

12सालमें54से3975पहुंचीसदस्यसंख्या

शिक्षाऔरसाहित्यकेक्षेत्रमेंदूनकीअपनीअलगपहचानरहीहै।दूनके शिक्षाविद्औरसाहित्यकारोंनेदेश-दुनियामेंसशक्तउपस्थितिदर्जकराईहै।इसकीवजहनिश्चितरूपसेदूनमेंपढऩे-पढ़ानेकामाहौलरहा।इससबकेबावजूददूनमेंपूर्वसेहीएकबेहतरपुस्तकालयकाअभावरहा।इसीबातकोध्यानमेंरख16मार्च2006कोदूनकेकेंद्रस्थलपरेडमैदानकेएकछोरपरदूनपुस्तकालयएवंशोधकेंद्रकीस्थापनाहुई।शुरुआतमेंजबलोगोंनेइसकीसदस्यतालेनेमेंरुचिनहींदिखाईतोपुस्तकालयप्रबंधननेलोगोंकेलिएनिश्शुल्कसदस्यताशुरूकी।नतीजा,एकसालबादपुस्तकालयकेसदस्योंकीसंख्या54पहुंचगई।इसकेबादपुस्तकालयकीओरसेसदस्यताशुल्कलियाजानेलगा।वर्ष2008मेंसदस्योंकीसंख्या223पहुंचगईऔरवर्तमानमें3975लोगपुस्तकालयकेसदस्यहैं।वर्ष2006में2156पुस्तकोंसेशुरूहोनेवालेइसपुस्तकालयमेंआज27हजारसेअधिकविभिन्नविषयोंकीपुस्तकेंमौजूदहैं।यहांप्रत्येकसदस्यको15दिनोंकेलिएदोपुस्तकदीजातीहैं।जबकि,वरिष्ठसदस्योंकोएकमाहकेलिएचारपुस्तकइश्यूहोतीहैं।

पुस्तकालयकीसदस्यता

पुस्तकालयकीवार्षिकसदस्यता1300रुपयेहै।इसमेंएकहजाररुपयेधरोहरराशिऔर300रुपयेवार्षिकशुल्कशामिलहै।जबकि,आजीवनसदस्यताकेलिएदोहजाररुपयेलिएजातेहैं।

व्याख्यानऔरचर्चा-परिचर्चाकेलिएबेहतरमंच

दूनपुस्तकालयएवंशोधकेंद्रसेलोगोंकोजोड़नेकेलिएसमय-समयपरसामयिकएवंसामान्यरुचिकेमुद्दोंपरचर्चा-परिचर्चाएंआयोजितकीजातीहैं।पुस्तकालयकाफोकसविशेषरूपसेविशेषज्ञोंकेव्याख्यान,कार्यशाला,गोष्ठी,समूहचर्चा,पुस्तकसमीक्षाऔरप्रदर्शनीपरहोताहै।ताकिसमकालीनऔरसामयिकविषयोंपरप्रतिभागीखुलकरविचाररखसकें।

पुस्तकोंकीरेंज

पुस्तकालयमेंसमाजविज्ञान,मानवविज्ञान,अर्थशास्त्र,भूगोल,राजनीतिकविज्ञान,अंतरराष्ट्रीयसंबंध,इतिहास,दर्शनशास्त्र,साहित्यसंबंधीपुस्तकोंऔरपत्र-पत्रिकाओंकीबड़ीरेंजहै।इसकेअलावाउत्तराखंडसेसंबंधितमहत्वपूर्णसामग्रीभीयहांमौजूदहै।इसमेंउत्तराखंडीसमाज,यहांकीसंस्कृति,कला,भूगोल,पर्यावरण,इतिहास,मानवजाति,साहित्य,लोकपरपंरा,राजव्यवस्थाआदिपुस्तकेंउपलब्धहैं।अंग्रेजीसाहित्यमेंचेतनभगत,विक्रमसेठ,इतिहासकाररामचंद्रगुहाआदिऔरहिंदीसाहित्यमेंप्रेमचंद,धर्मवीरभारती,कमलेश्वर,शिवानी,शैलेषमटियानी,मनोहरश्यामजोशी,यशोधरमठपाल,शिवप्रसादडबराल'चारण'आदिकीकृतियांभीपुस्तकालयमेंमौजूदहैं।आपयहांराष्ट्रपितामहात्मागांधी,प्रथमप्रधानमंत्रीपं.जवाहरलालनेहरू,हरिबंशरायबच्चनआदिकीआत्मकथाभीपढ़सकतेहैं।साथहीखानपान,स्वास्थ्यसंबंधीसामग्रीऔरबच्चोंकेलिएपुस्तकोंकाएकबड़ासंग्रहपुस्तकालयहीधरोहरहै।

शोधमेंअहमभूमिका

संस्थानमेंविविधमाध्यमोंसेशोधकार्योंकेसंचालन,संपादनऔरइन्हेंप्रोत्साहितकरनेकाकार्यभीगतिमानहै।शोधकार्योंकेतहतहिमालयपरआधारितसामाजिकविज्ञानएवंमानविकीसेसंबद्धविषयोंकासर्वेक्षण,अध्ययन,अन्वेषण,सूचनाओंऔरआंकड़ोंकोसंकलितकरनेकाकार्यभीकियाजारहाहै।

पुस्तकालयप्रबंधन

दूनपुस्तकालयएवंशोधकेंद्रसोसायटीरजिस्ट्रेशनएक्टकेअधीनपंजीकृतएकस्वायत्तसंस्थानहै।इसकासंचालनमुख्यसचिवउत्तराखंडकीअध्यक्षतामेंगठितप्रबंधनपरिषदकरतीहै।उत्तराखंडशासनकेवित्त,नियोजन,विद्यालयीशिक्षा,संस्कृतिवउच्चशिक्षाकेसचिव,प्रतिष्ठितशिक्षाविद्औरप्रबुद्धव्यक्तिइसपरिषदकेनामितसदस्यहैं।संस्थानकेप्रशासनिकएवंअकादमिकक्रियाकलापोंकामुख्यसंचालननिदेशककेस्तरसेकियाजाताहै।

कॅरियरबनानेमेंमददगारबनापुस्तकालय

पुस्तकालयलोगोंकोकिताबोंकासंसारहीउपलब्धनहींकरता,बल्कियुवाओंकाकॅरियरबनानेमेंभीअहमभूमिकानिभारहाहै।प्रतियोगीपरीक्षाओंकीतैयारीमेंजुटेयुवाओंकोकेंद्रअध्ययनकरनेकीसुविधाउपलब्धकराताहै।केंद्रमेंरोजानासौसेज्यादायुवाप्रतियोगीपरीक्षाओंकीतैयारीकरनेकेलिएआतेहैं।उन्हेंसुबह8.30बजेसेरातसातबजेतकअध्ययनकरनेकीसुविधाहै।यहांपरयुवाग्रुपमेंस्टडीकरनेकेलिएआतेहैं।इसीअध्ययनकीबदौलतवर्ष2007सेवर्ष2018तककेंद्रसेप्रतियोगीपरीक्षाओंकीतैयारीकरनेवाले115युवाओंनेविभिन्नपरीक्षाओंमेंसफलताप्राप्तकी।

इनपदोंपरमिलीनियुक्ति

सहायकविकासअधिकारी,एसआइ,असिस्टेंटकमांडेंट,करसहायक,कनिष्ठशाखाप्रबंधक,असिस्टेंटप्रोफेसर,पीओ,एलटीशिक्षक,राजकीयपर्यवेक्षक,क्लर्क,एडीओआदि।

युवाचाहतेहैंकेंद्रकाहोविस्तार

सिविलसेवाकीतैयारीमेंजुटीदीपाबिष्टकहतीहैंकिउन्हेंकेंद्रमेंपढ़नेकाबेहतरमाहौलमिलरहाहै।ग्रुपमेंपढ़ाईकरनेकेकईफायदेहैं।साथहीअपनीकमियोंभीमालूमपड़जातीहैं।एसएससीकीतैयारीकररहेऋषभनेगीकहतेहैंकिवहपांचमाहसेकेंद्रमेंआरहेहैं।दोस्तोंकेसाथमिलकरपढ़नेसेतैयारीकेलिएबेहतरमाहौलमिलरहाहै।सिविलसर्विसेसकीतैयारीमेंजुटेमनोजडोभालकहतेहैंकिवहडेढ़सालसेयहांआरहेहैं।सुबहआठबजेहीवहघरसेनिकलजातेहैं,क्योंकिविलंबसेआनेपरअंदरसीटनहींमिलती।प्रतियोगीपरीक्षाकीतैयारीमेंजुटेदीपकसिंहभीकेंद्रमेंबैठनेकास्पेसबढ़ानेपरजोरदेतेहैं।कहतेहैंकेंद्रमेंबैठनेकीजगहसीमितहै,जिससेकईबारतोपूरेदिनखड़ेहीरहनापड़जाताहै।

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डॉ.बीकेजोशी(निदेशक,दूनपुस्तकालयएवंशोधकेंद्र)काकहनाहैकिसंस्थानकीस्थापनायहध्यानमेंरखकरकीगईथीकिपाठकों,शोधार्थियोंवअध्ययनकर्ताओंकोहिमालयनविशेषकरउत्तराखंडकेसामाजिकएवंमानवविज्ञानविषयकीसामग्रीआसानीसेसुलभहोसके।इसीदिशामेंहमआगेबढ़रहेहैं।पाठकोंकीसंख्याकोदेखतेहुएसंस्थानकेविस्तारकीलगातारमांगउठरहीहै।इससंबंधमेंशासनसेवार्ताकरजल्दनिर्णयलियाजाएगा,ताकिभावीपीढ़ीकोसंस्थानकालाभमिलसके।

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चंद्रशेखरतिवारी(रिचर्सएसोसिएट,दूनपुस्तकालयएवंशोधकेंद्र)काकहनाहैकिकेंद्रनेअपनीउपयोगिताहरक्षेत्रमेंसिद्धकीहै,फिरचाहेवहविभिन्नविषयोंकासर्वेक्षणकरनाहोअथवाअन्वेषणयाशोध।भविष्यमेंइसेऔरबेहतरबनानेकीदिशामेंकामहोगा।संस्थानसेजुड़नेवालेहरव्यक्तिकोउपयोगीअध्ययनसामग्रीऔरबेहतरसुविधामिले,इसकेलिएहमनिरंतरप्रयासरतहैं।

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